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Monday, June 01, 2009

मनुष्य



प्रयत्न करना उसका धर्म है, निरंतर लड़ना उसका कर्म है।
बैठे नही वो किसी आस को लेकर, बड़े चले वो विश्वास को लेकर।

भूत का उसे दंभ नही, भविष्य की उसे शंका नही,
आकर धरा पर वो धन्य हुआ, इसलिए मनुष्य का जन्म हुआ।

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